महाराष्ट्र से ऑटो में सवार होकर जौनपुर लौट रहा था परिवार, हादसे में मां-बेटी ने मौके पर तोड़ा दम - खबरी न्यूज़ जौनपुर

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Tuesday, May 12, 2020

महाराष्ट्र से ऑटो में सवार होकर जौनपुर लौट रहा था परिवार, हादसे में मां-बेटी ने मौके पर तोड़ा दम

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फतेहपुर :- उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के नेशनल हाइवे पर सुबह के वक्त दर्दनाक हादसा हो गया। जहां लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र से निजी ऑटो से जौनपुर लौट रहा परिवार हादसे का शिकार हो गया। हाईवे पर कटोहन टोल प्लाजा के महिचा मंदिर पुलिस चौकी के नजदीक मंगलवार भोर पहर कंटेनर ट्रक की टक्कर से ऑटो पलट गया और मां-बेटी की मौत हो गई। पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया है।

मोकलपुर, पैजापुर थाना सराएं ख्वाजा जनपद जौनपुर निवासी राजन यादव ठाणे महाराष्ट्र में ऑटो चलाते हैं और परिवार के साथ रह रहे थे। शनिवार शाम राजन यादव निजी ऑटो में पत्नी 32 वर्षीय संजू यादव, भाई गुड्डू यादव, आठ वर्षीय पुत्र नितिन यादव तथा छह वर्षीय पुत्री नंदिनी को बिठाकर जौनपुर के लिए चले थे। मंगलवार सुबह फतेहपुर के खागा कोतवाली क्षेत्र में महिचा मंदिर चौकी क्षेत्र में तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने ऑटो में टक्कर मार दी।
हाईवे किनारे खंदक में ऑटो पलटने से मां-बेटी की मौत हो गई। ऑटो के नीचे दबकर घायल हुए पिता-पुत्र व भाई को राहगीरों ने बाहर निकाला और पुलिस ने अस्पताल भिजवाया।

बाइक से पीछे चल रहे थे बहनोई व भांजा
मुंबई से ऑटो सवार राजन यादव के बहनोई भोलेशंकर व भांजा मनीष यादव भी बाइक से साथ में निकले थे। वो बाइक से ऑटो के पीछे चल रहे थे लेकिन बाद में आगे हो गए थे। भोलेशंकर ने बताया कि सतनरैनी मोड़ पर नीम की दातून तोडऩे लगे। काफी देरतक ऑटो नहीं आया तो उन्हें शंका हुई तो फिर पीछे लौटे। कुछ दूर चलने के बाद देखा कि हाईवे किनारे भीड़ लगी है और पास जाने पर हादसे की जानकारी हुई।

वहीं पीड़ितों की माने तो लॉक डाउन के बाद महराष्ट्र में उनके साथ जौनपुर व आसपास क्षेत्र के कई परिवार रहते हैं और ऑटो चलाने का काम करते हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप और लॉकडाउन के चलते धंधा बंद हो गया था। अबतक जमा पैसों से परिवार का खर्च किसी तरह चलाते रहे लेकिन अब पैसों की कमी होने लगी थी और डर भी लगने लगा था। महाराष्ट्र से उन्हें ट्रेन से जौनपुर लौटने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया था। महाराष्ट्र सरकार की अव्यवस्था व परिवार की समस्या देखकर पत्नी ने अपने ऑटो से गांव चलने की जिद की। इसपर उसने गांव के ऑटो चालक साथियों से चर्चा की। इसके बाद वह और गांव अन्य चालक भी अपने अपने परिवार ऑटो में बिठाकर शनिवार शाम महाराष्ट्र से निकल पड़े। उनके साथ गांव जाने वाले परिवार करीब सौ से डेढ़ सौ ऑटो में आगे-पीछे चल रहे थे।

इस तरह से महाराष्ट्र से यूपी बिहार जाने वालों की  हर रोज  सैकड़ों की संख्या में एक्सीडेंट हर रोज हो रहे हैं। 
इसका जिम्मेदार कौन ?

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